राष्ट्रीय मात्स्यिकी पोस्ट हार्वस्टप्रौद्योगिकी तथा प्रशिक्षण संस्थान
लक्ष्य >फिश हार्वेस्टिंग प्रौद्योगिकी >प्रसंस्करण तथा विपणन प्रभाग >प्रसंस्करण अनुभाग >आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम >कार्यस्थलीय के प्रशिक्षण पर >प्रसंस्करण >कार्यस्थलीय प्रशिक्षण >समुद्री खाद्यों की डिब्बाबंदी >विपणन >फिशर महिलाएं >सेवाओं को पहले से ही किया >प्रशिक्षण सुविधाएँ >विपणन अनुभाग >सुविधाएं >समुद्री अभियांत्रिकी प्रभाग >पोस्ट हार्वस्ट प्रौद्योगिकी >प्रशासनिक प्रभाग >क्रियाकलाप >विएचसइ प्रशिक्षुता प्रशिक्षण >अनुसंधान एवं विकास >अलवण जल मछली से उत्पन्न >एच.ए.सी.सी.पी > वीएचएसई स्कूल जाने वाले >उपलब्धियां >मानव संसाधन विकास >निफैट की विशाखपटनम यूनिट >प्रशिक्षण अनुभाग >प्रशिक्षण पाठ्यक्रम >मूल्य वर्धित उत्पन्न विकास >फिश फिलटिंग >विशेष प्रशिक्षण >वी.एच.एस.ई विद्यार्थियों >वी.एच.एस.ई कार्यस्थलीय >आवेदन करने का तरीका >गेलरी >सुचना का अधिकार

राष्ट्रीय मात्स्यिकी पोस्ट हार्वस्ट प्रौद्योगिकी तथा प्रशिक्षण संस्थान

 

यह संस्थान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग का एक अधीनस्थ कार्यालय है जो मात्स्यिकी पोस्ट हार्वस्ट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्य से जुडा रहता है। उसका मुख्यालय  कोची में है और एक यूनिट वैजाग में चालू है।

       मात्स्यिकी से जुडी  चर्चाओं का मुख्य विषय  और उस क्षेत्र के विकासात्मक कार्यक्रमों के निर्माण के बडी चिंता का विषय उसकी सस्टेनबिलिटी मानी जाती है । पहले यह विश्वास था कि यह शब्द सिर्फ मत्स्य जैवमात्रा  के संग्रहण या कृषि से संबंधित है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि मात्स्यिकी संसाधनों की सस्टेनबिलिटी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट हार्वस्ट क्षेत्र से प्रभावित है अर्थात् उचित  प्रबंधन एवं उपयोग के माध्यम से एक ग्राम मत्स्य प्रोटीन की बचत करना एक ग्राम प्रोटीन का उत्पात जैसा है.। इस संगठन का उद्देश्य और संदेश यह है कि संपूर्ण उपयोग के जरिए उपलब्ध जैवमात्रा पर होने वाले दबाव को कम करना साथ ही हमारी सभी पौष्टिक अपेक्षिकताओं की पूर्ति करना।


वेबसाइट पिछले 28 Mar 2025 पर अद्यतन
वेबसाइट तैयार की और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा होस्ट की है
डिस्क्लैमेर : वेबसाइट तैयार की और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा होस्ट की है